इस आर्टिकल में हम आपको मल्चर मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली कर देगा जमीन के अंदर धराशायी के बारे में बताएँगे मल्चर ऐसा कृषि यंत्र है जिससे गन्ने ,मक्का और धान के बचे अवशेषों को काट और कुतर कर उसको मिट्टी में मिला देता है,जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और मिट्टी उपजाऊ हो जाती है.
नई -नई कृषि तकनीकी के आने से आज के युग मे खेती बाड़ी के कामकाज आसानी के साथ हो जा रहे है ,चाहे फसल की बुआई हो,उसकी देख रेख या भण्डारण से सम्बंधित सारी समस्याओं का निराकरण एक झटके में हो जा रहा है, मल्चर मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली नई तकनीकी के आने से फसलो की लागत कम आती है और फसल का उत्पादन कईं गुना बढ़ जाता है.ऐसे में आपको एक ऐसे कृषि यंत्र के बारे में बता रहे है जो कि आपकी फसलो के बचे अवषेशों को झट से काट कुतर कर मिट्टी के अंदर महीन करके मिला देता है.
जबरदस्त है मल्चर मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली कर देगी जमीन के अंदर धराशायी
Features of Mulcher Machine – मल्चर यन्त्र की विशेषताएं :-
मल्चर एक ऐसा कृषि यंत्र है जो कि गन्ने,मक्का और पुआल के डंठलों को आसानी के साथ कुतर-कुतर कर इनके अवशेषों को आसानी के साथ मिट्टी में मिला कर भुरभुरा कर देता है . इस मशीन को आसानी के साथ ट्रैक्टर के पिछे जोड़ कर चलाया जाता है जिसको डबल 50 हार्स पावर वाले ट्रैक्टर की जरूरत होती है जिसका मुख्य विशेषता फसलो के बचे अवशेषों को आसानी के साथ काट छाँट कर बिल्कुल महीन करके मिट्टी के अंदर धराशायी कर देना है. इसमे दो प्रकार के मल्चर होते है ड्रम मल्चर और डिस्क मल्चर इन दोनों की अलग अलग विशेषता है जिसको अपने जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते है.
Benefits of Mulcher – मल्चर से लाभ:-
पहले कृषि यंत्र के अभाव में हम लोग अपने खेतों की पराली जला देते थे जिससे मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती थी जिसके कारण खेत मे बोई जाने वाली फसलों के उत्पादन में बहुत ही बड़ी कमी नजर आने लगती थी जिसके चलते फसल के उत्पादन में गिरावट आने से आर्थिक रूप से हमारे आय को कमजोर बनाती थी.लेकिन मल्चर के आने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.
और मिट्टी कमाऊ हो जाती है,क्योकि यह फसलो के अवशेषों को आसानी के साथ कुतर कर बारीक करके मिट्टी में मिला देता है, मल्चर मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली जिससे कुछ दिन में अवशेष मिट्टी में सड़ कर जैविक खाद का निर्माण करते है और केचुओं की जनसंख्या में वृद्धि होता है जिसके चलते मिट्टी उपजाऊ हो जाती है.
मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली का निस्तारण :-
मल्चर मशीन मात्र 1घण्टे में 4 एकड़ फसल के अवशेषों जमीन के अंदर बारीक करके मिला देता है. मल्चर 7 से 8 फिट का आस पास आते है,जिसको 55 से 60 हॉर्स पॉवर वाले ट्रेक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है.जो कि मात्र 1 घण्टे में 3 से 4 लीटर डीजल का खपत करता है जो कि 4 एकड़ के आस-पास फसलो के अवशेषों को जमीनीदोज करके निस्तारण कर देता है.
Subsidy for Mulcher – मल्चर के लिए सब्सिडी:-
मल्चर 7 फिट वाला 2लाख 15 हजार का और 8 फिट वाला मल्चर 2 लाख 25 हजार के आस पास या कंपनी के हिसाब से कीमत घट या बढ़ भी सकता है .जिस पर सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि यंत्र योजना के तहत आपको 50%की सब्सिडी भी देती है मल्चर मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली जिससे किसानों को आर्थिक रूप से सरकार द्वारा सहयोग प्राप्त होता है.जिसको कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है उसके आधार पर टोकन प्राप्त होने पर कृषि यनयर पर सब्सिडी दी जाती है.जिसकी वेबसाइट Farmer Mpdage. पर क्लीक करके सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अप्लाई कर सकते है.
Conclusion
इस लेख में हम आपको मल्चर मात्र 1 घण्टे में 4 एकड़ पराली कर देगी जमीन के अंदर धराशायी के बारे में बताये है अगर आपको यह पोस्ट पसंद आये तो कमेंट करना ना भूले आशा करते है ये जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और भी इसी तरह की ढेर सारी जानकारी लाते रहेंगें धन्यवाद.
FAQ
Ques 1 – मल्चर यन्त्र में क्या विशेषताएं है?
Ans 1 – मल्चर एक ऐसा कृषि यंत्र है जो कि गन्ने,मक्का और पुआल के डंठलों को आसानी के साथ कुतर-कुतर कर इनके अवशेषों को आसानी के साथ मिट्टी में मिला कर भुरभुरा कर देता है . इस मशीन को आसानी के साथ ट्रैक्टर के पिछे जोड़ कर चलाया जाता है जिसको डबल 50 हार्स पावर वाले ट्रैक्टर की जरूरत होती है
Ques 2 – मल्चर कैसे 1 घंटे में 4 एकड़ पराली को जमीन के अंदर धराशायी कर सकती है?
Ans 2 – मल्चर मशीन मात्र 1घण्टे में 4 एकड़ फसल के अवशेषों जमीन के अंदर बारीक करके मिला देता है. मल्चर 7 से 8 फिट का आस पास आते है,जिसको 55 से 60 हॉर्स पॉवर वाले ट्रेक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है.जो कि मात्र 1 घण्टे में 3 से 4 लीटर डीजल का खपत करता है जो कि 4 एकड़ के आस-पास फसलो के अवशेषों को जमीनीदोज करके निस्तारण कर देता है.
Ques 3 – मल्चर से क्या लाभ होता है?
Ans 3 – पहले कृषि यंत्र के अभाव में हम लोग अपने खेतों की पराली जला देते थे जिससे मिट्टी की ऊर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती थी जिसके कारण खेत मे बोई जाने वाली फसलों के उत्पादन में बहुत ही बड़ी कमी नजर आने लगती थी जिसके चलते फसल के उत्पादन में गिरावट आने से आर्थिक रूप से हमारे आय को कमजोर बनाती थी.लेकिन मल्चर के आने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.
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