इस आर्टिकल में हम आपको Strawberry Farming in Hindi – स्ट्रॉबेरी की खेती की पूरी जानकारी आपको बताएँगे स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों को बना देगा मालामाल आज की पोस्ट में हम आपको Strawberry Farming in Hindi स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में आपको बताने वाले है जो कि सर्दियों के मौसम में बोई जाने वाली फसल है जो कि फ्रागार्या प्रजाति से तालुक रखता है.स्ट्रॉबेरी अपनी विशेष मीठी गन्ध से दुनिया मे अपनी पहचान बनाने में अलग ही छाप छोड़ा है.इसका फल लाल रंग का होता है जिसको ताजा फल के रूप में सेवन किया जाता है और इसके फल से जैम,रस,पाई,आइस क्रीम,मिल्क शेक,कुकीज और उद्योगों में इसका प्रचुर मात्रा में उपयोग किया जाता है.
स्ट्रॉबेरी की खेती Strawberry Farming in Hindi पहले पहाड़ो पर हुआ करता था लेकिन आधुनिक तकनीक आने से उत्तर प्रदेश ,राजस्थान,हरियाणा,बिहार में भी इसकी खेती की शुरुवात हो चुकी है.इस फसल को लगा के परम्परागत परम्परा से हट के किसान भाई इस खेती को करने लगे है जिससे किसान भाइयों को कम ही समय मे ज्यादा से ज्यादा मुनाफ़ा हो रहा है.Strawberry Farming in Hindi स्ट्रॉबेरी की डिमांड देश से विदेश तक खूब है जिसकी खपत ज्यादा है और उत्पादन कम इसलिये इसकी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में खेती करके आप कई लाखो पैसा कमा के अपने जीवन को सरल बना सकते है.आइये आगे बढ़ते है इसकी खेती के बारे में.
Soil for strawberry – स्ट्रॉबेरी के लिए मिट्टी :-
Strawberry Farming in Hindi स्ट्रॉबेरी के लिए हल्की अम्लीय मिट्टी और रेतीली बलुई दोमट मिट्टी होनी चाहिए .पानी का उचित निकास होना चाहिये.जिसका Ph मान 5.3 -6.5 तक होना चाहिये यदि मिट्टी का Ph मान 5.3 से नीचे हो तो मिट्टी को उपचारित करवा लेना चाहिए .कृषि विभाग में अपनी मिट्टी की जांच करने के बाद ही स्ट्रॉबेरी की खेती करने की सलाह दी जाती है.
Strawberry varieties – स्ट्रॉबेरी की किस्में :-
Strawberry Farming in Hindi भारत मे बहुत सारी किस्मों की खेती होती है जिसमे कमारोसा,चाण्डलर,ओफरा,ब्लैक मोर,स्वीड चार्ली,एलिस्ता,और फेयर फ़ॉक्स इत्यादि सारी किस्मो को प्रचुर मात्रा में उगाया जाता है.
कमारोसा | Camarosa |
चाण्डलर | Chandler |
ओफरा | Oprah |
ब्लैक मोर | Black Peacock |
स्वीड चार्ली | Swede Charlie |
एलिस्ता | Elista |
फेयर फ़ॉक्स | Fair Fox |
Strawberry planting period – स्ट्रॉबेरी लगाने की अवधि :-
Strawberry Farming in Hindi स्ट्रॉबेरी ठंडी में लगाई जाने वाली प्रजाति का पौधा है 20 से 30 डिग्री तापमान इसके लीये आदर्श तापमान माना जाता है,जिसको किसान भाई 10 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक इसकी रोपाई कर सकते है.
Bed preparation for Strawberries – स्ट्रॉबेरी के लिए बेड की तैयारीया :-
Strawberry Farming in Hindi इसकी खेती करने के लिए बेड की तैयारी करना बहुत ही जरूरी है जिससे फसल का विकास अच्छी तरह से हो सके और उत्पादन की मात्रा ज्यादा हो सके,सबसे पहले खेत की जुताई अच्छी तरह से कर ले मिट्टी भुरभुरी होने के बाद जैविक उर्वरक खाद डालने के बाद बेड की तैयारी करे.
बेड की तैयारियो के लिए बेड की चौड़ाई 2.5-3 फिट का रखें और बेड से बेड की दूरी 1.5 फिट तक होनी चाहिए बेड के तैयार होने के बाद उस पर टपक विधि वाला लाइन बिछा दे तथा प्लास्टिक मल्चिंग में 20-30 cm की दूरी पर छेद कर दे.रोपाई करने के लिये स्ट्राबेरी के पौधों की दूरी पौध से 45cm बेड से बेड की दूरी 1.5 फ़ीट और प्रति एकड़ 17000-20000 पौध की रोपाई कर सकते है.
Diseases affecting strawberry plants and ways to prevent them – स्ट्राबैरी के पौधों पर लगने वाले रोग और उससे बचाव करने का तरीका :-
Strawberry Farming in Hindi सर्दियो के मौसम में अधिकतम तापमान का गिरनाऔर खराब रख रखाव के चलते फसलो को काफी नुकसान होता है जिससे बहुत सारे स्ट्रॉबेरी में रोग पैदा हो जाते है जिसमे लाल डंठल,काली जड़न सड़न,चूर्णी फफूंदी,बोट्रिटिस फल सड़न,पत्ती धब्बा,कोलोराडो,पत्तियो में झुलसन इत्यादि सारी बीमारिया लगती है.
A. इसके लिए 1,3 डाईक्लोरोप्रोपिन मृदा जनित फंगल,कवकों, और कीटो के लिए प्रभावी है.
B. इनके पौधों ,पत्तियो पर लगने वाले दाग ,धब्बों के लिए कॉपर फंगसाइड का प्रयोग लेबल के हिसाब से करे.
C. स्ट्रॉबेरी में फूल और फल लगने पर एन्थ्रेक्नोज रासायनिक दवा का छिड़काव करें.
Strawberry harvesting and proper management – स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई एवं उचित प्रबन्धन :-
Strawberry Farming in Hindi पहले सड़े गले स्ट्रॉबेरी की फलो को तोड़ के अलग करके छाँट ले फिर स्ट्राबैरी की तुड़ाई करे. स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई फसलो को 60%-70% तक लाल हो जाने पर डंठल के साथ तोड़ना चाहिये साथ मे यह भी ध्यान रखना होगा कि बाजार की दूरी और उसकी खपत के हिसाब से तोड़ना है.इसको लम्बे समय तक स्टोरेज रखने के लिए इसके 1 भाग सफेद सिरका और 3 भाग ठंडे पानी से अच्छी तरह से धो ले फिर इसको टिश्यु पेपर में सूखा ले फिर इसको पंखों के नीचे सूखने के लिए रख दें या ब्लो डायर का भी सुखाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है.
फिर इसके बाद से कन्टेनर में 32 डिग्री फारेनहाइट से 36 डिग्री फारेनहाइट (0 डिग्री से 2 डिग्री सेंटिग्रेड) तक तापमान पर रख के लंबे समय तक स्ट्रॉबेरी का भंडारण कर सकते है।स्ट्राबैरी की बाजार में ज्यादा डिमांड होने के चलते आपके माल तेजी से बिक जाएंगे और आपको ज्यादा से ज्यादा मुनाफा होगा क्योंकि देश विदेश में इसकी मांग होने के कारण बहुत ही महँगी बिकती है जिससे आप कुछ ही दिनों में लखपति बन सकते है.
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Conclusion – निष्कर्ष
इस आर्टिकल में आपको Strawberry Farming in Hindi के बारे में बोने से लेके सभी बाते बताये है जिससे आप स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकते है स्ट्रॉबेरी में बहुत से रोग लग जाते है जिसे इस आर्टिकल में बताया गया है और आपको स्ट्रॉबेरी लगाने की अवधी के भी बारे में बताया गया है धन्यवाद् आशा करते है ये पोस्ट आपके लिए बहुत अच्छी लगी होगी ,आगे भी इसी तरह का पोस्ट आपके समकक्ष प्रस्तुत करते रहेंगे.
FAQ
Ques 1 – स्ट्रॉबेरी कितने दिन में फल देता है?
Ans 1 – स्ट्रॉबेरी को फल देने में 1.5 महिना लगता है.
Ques 1 – स्ट्रॉबेरी के पौधे को कितने घंटे धूप चाहिए?
Ans 1 – स्ट्रॉबेरी के पौधे को 6 से 8 घंटे धुप चाहिए.
Ques 1 – स्ट्रॉबेरी काटने के बाद कितने समय तक चलती है?
Ans 1 – अगर आप स्ट्रॉबेरी काट देते है तो ये 3 से 4 दिन तक फ्रिज में चलता है.
Strawvery post is nice